हम तुम- भाग 9
भाग 9
आदित्य के दिल में एक तरफ प्यार उफान मार रहा था और जिंदगी एक तरफ। काफी दिनों से नौकरी की तलाश में आदित्य जगह-जगह भटक रहा था। उधर अदिति भी जॉब छोड़ने की तैयारी में थी। आदित्य के बिना उसे ऑफिस काटने को आता था। हर तरफ वही नज़र आता था उसे देखता हुआ।
आदित्य के सामने उसने अपने जज़्बात ज़ाहिर नहीं होने दिए थे क्योंकि वो नहीं चाहती थी वो आदित्य के सामने कमज़ोर दिखे। लेकिन यह भी सच था कि ना जाने कब और कैसे आदित्य उसके दिल में जगह बना चुका था। जिंदगी भी ऐसी ही है जो नसीब में नहीं, उसी के पीछे भागती है।
अदिति को आदित्य की कही बातें अच्छी तरह से याद थीं कि "हम सिर्फ दोस्त हैं", उससे ज़्यादा समझने की भूल मत करना। अदिति को यह बात काँटे की तरह चुभ रही थी। इसी गुस्से में आकर उसने आदित्य को फोन करना बंद कर दिया था।
आदित्य काफी मानसिक तनाव से गुज़र रहा था। इतनी जगह इंटरव्यू देने के बाद भी कहीं नौकरी नहीं लग रही थी। कुछ एक-दो कंपनी से बुलावा आया था लेकिन वो मनमुताबिक नहीं था। आदित्य के सभी दोस्त अच्छी नौकरियों पर थे, एक बस वही भटक रहा था।
आदित्य बहुत अकेला महसूस कर रहा था और अदिति को याद कर रहा था। यह भी एक अजब संयोग था कि अदिति का अचानक से फोन आ गया। अदिति आदित्य की आवाज़ सुनकर समझ गयी थी कि आदित्य नौकरी ना लगने की वजह से परेशान है।
उसने आदित्य से एक ही बात कही….आदित्य हमेशा एक बात याद रखना कि तुम सबसे बेस्ट हो। इस वक़्त कहीं नौकरी नहीं मिल रही है इसका मतलब यह है कि बहुत बड़ी कंपनी में तुम्हारी नौकरी लगने वाली है। इसलिए आने वाली ख़ुशी के लिए तैयार रहो।
आदित्य….तुम्हें कैसे पता चला कि मैं परेशान हूँ?
अदिति…..जैसे तुम कुछ सवालों के जवाब ढून्ढ रहे हो, वैसे मैं भी। चलो मैं फोन रखती हूँ अब।
आदित्य थैंक यू कहना चाहता था लेकिन अदिति ने बिना सुने ही फोन रख दिया।
अदिति की बातों से आदित्य को बहुत हिम्मत मिली थी। दो दिन बाद उसका इनफ़ोसिस में इंटरव्यू था। आदित्य जी जान से इंटरव्यू की तैयारी में लग गया था।
दो दिन बाद भगवान का नाम लेकर आदित्य इंटरव्यू देने के लिए निकल गया। बस में बैठते ही आदित्य ने अदिति को फोन पर बताया कि आज उसका इनफ़ोसिस में इंटरव्यू है।
अदिति ने कहा वो भगवान से प्रार्थना करेगी कि उसे इंटरव्यू में सफलता मिले और यह याद रखना कि तुम बेस्ट हो। इतना कहकर अदिति फोन रख देती है। अदिति की बातें सुनकर आदित्य का हौसला कई गुना बढ़ गया था।
आदित्य का इंटरव्यू बहुत बढ़िया हुआ था। आदित्य को इस बार काफी उम्मीदें थी। यह नौकरी उसके लिए बहुत ज़रूरी थी। उसकी आने वाली जिंदगी की रूपरेखा इसी पर निर्भर थी। लेकिन अभी 2 राउंड्स और थे। जब तक वो सभी राउंड्स में पास नहीं हो जाता वो तब तक वो अदिति को फोन नहीं करेगा।
उधर अदिति ने भी यही सोचा था जब तक आदित्य फोन नहीं करेगा तब तक वो भी फोन नहीं करेगी।
दोनों सोचते बहुत थे। लेकिन जो सोचते थे, करते ठीक उसके विपरीत थे।
आदित्य अपने दूसरे राउंड के इंटरव्यू के लिए तैयारी कर रहा होता है कि तभी सुमित का फोन आ जाता है। सुमित को आदित्य के नौकरी छोड़ने के बारे में पता नहीं होता है।
सुमित कहता है कि चल मैं और तू इतवार को फिल्म देखने चलते हैं। आदित्य मना कर देता है यह कहकर कि उसे काम है।
सुमित कहता है कि ठीक है वो अदिति को बोलकर देखता है साथ फिल्म देखने के लिए, वो ज़रूर चलेगी।
आदित्य पूछता है….ऐसा क्यों भला?
सुमित हँसते हुए कहता है "कल हो ना हो" में शाहरुख़ खान है और वो उसका फ़ेवरेट हीरो है। उसकी फिल्म को वो ना नहीं कर सकती।
आदित्य मन ही मन सोचता है उसे तो यह पता ही नहीं था। कुछ सोचकर आदित्य कहता है….अच्छा तू "कल हो ना हो" की बात कर रहा था, वो तो मुझे भी देखनी है। चल मैं भी चलता हूँ साथ में।
इतवार को 12 से 3 के शो की टिकटें सुमित बुक करवा देता है।
आदित्य अदिति को फोन करके कहता है कि वो दोनों साथ चलेंगे, सुमित वहीँ मिल जायेगा हॉल के बाहर।
रास्ते में आदित्य अदिति को बताता है कि उसने पहला राउंड पास कर लिया है इंटरव्यू का, 2 राउंड और बचे हैं। बस उसी की तैयारी में लगा हुआ है।
अदिति यह बात सुनकर अपनी ख़ुशी जाहिर करती है।
दोनों तय समय पर हॉल पहुँच जाते हैं। संयोग कुछ ऐसा बनता है कि अदिति और सुमित साथ बैठ जाते हैं और आदित्य सुमित की साइड में। अदिति और सुमित तो पहले से ही खूब बात करते थे और अभी भी बातें करने में मस्त थे।
अदिति को एहसास था कि आदित्य को उसका सुमित से यूँ बात करना पसंद नहीं आ रहा होगा लेकिन उसे आदित्य की "हम सिर्फ दोस्त हैं ", वाली बात अच्छी तरह से याद थी। इसलिए उसने आदित्य की परवाह ना करते हुए सुमित से बात करना जारी रखा।
इंटरवल में अदिति वाशरूम जाने के लिए खड़ी होती है तो आदित्य भी पॉप कॉर्न लेने के लिए चला जाता है। आदित्य जल्दी से पॉप कॉर्न ले आता है और अदिति की सीट पर जाकर बैठ जाता है। तभी सुमित पॉप कॉर्न खाते हुए कहता है…..यार यह अदिति ऑफिस में कितनी साधारण सी लगती थी और आज देख एकदम अलग लग रही है। अदिति देखने में भी अच्छी है और स्वभाव में भी।
आदित्य को ईर्ष्या हो रही होती है सुमित से। वो कहता है….इतनी भी अच्छी नहीं है वो। वैसे तू प्रोपोज़ करने की तो नहीं सोच रहा ना उसे?
सुमित मुस्कुराकर कहता है…..फिलहाल तो नहीं लेकिन वक़्त का कुछ भरोसा भी नहीं।
तभी अदिति आ जाती है। आदित्य को अपनी सीट पर बैठा देखकर वो समझ जाती है आदित्य के दिल का हाल। फिर भी वो जानबूझकर आदित्य को अपनी सीट से उठने को कहती है। आदित्य गुस्से से कहता है..… क्यों इस सीट में ऐसा क्या खास है जो तुम्हें यहाँ बैठना है? चुपचाप साइड में बैठ जाओ, थोड़ा मुझे और सुमित को साथ बैठने दो। वैसे ही हम बहुत दिनों बाद मिले हैं।
अदिति गुस्से से आदित्य को देखती है और आदित्य के साइड वाली सीट पर बैठ जाती है। आदित्य को शाहरुख़ खान का हाल देखकर बड़ा दुख हो रहा होता है। वो मन ही मन सोच रहा होता है जैसे शाहरुख़ की हीरोइन प्रीति जिंटा को सैफ अली खान ले गया, कहीं मेरी अदिति को यह सुमित ना ले जाए। तभी गाना भी आ जाता है…..
"हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िंदगी
छाँव है कभी, कभी है धूप ज़िंदगी
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो
चाहे जो तुम्हें पूरे दिल से
मिलता है वो मुश्किल से
ऐसा जो कोई कहीं है
बस वो ही सबसे हसीं है
उस हाथ को तुम थाम लो
वो मेहरबाँ कल हो न हो"
यह गाना सुनते ही आदित्य की आँखें नम हो जाती हैं और वो अदिति की तरफ देखता है। लेकिन अदिति तो ठहरी अदिति, आदित्य के यूँ उसकी तरफ देखने पर कहती है….अपना पॉप कॉर्न तुमने खत्म कर लिया, अब मेरे पर नज़र है। सुमित से ले लो, मुझे जो चीजें पसन्द है वो मुझे किसी के साथ शेयर करना पसंद नहीं करती।
आदित्य हँसकर कहता है….. मुझे भी।
उधर सुमित भी मन ही मन अदिति के बारे में सोच रहा होता है।
❤सोनिया जाधव
Seema Priyadarshini sahay
14-Jan-2022 12:45 AM
बहुत ही बेहतरीन भाग
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Simran Bhagat
13-Jan-2022 08:45 PM
Nyc 🔥
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Shivlal sager
13-Jan-2022 04:55 PM
Best
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